दीवाली के दिन अगर इन जगहों पर नहीं जलाया दीपक तो एक साल में हो जायेंगे कंगाल
दिवाली का यह पर्र्व 5 दिन का होता है। धनतेरस, नरक चतुर्दशी, अमावास्या, कार्तिक शुक्ल और भार्ई दूज यह सब मानए जाते हैं इन 5 दिनों के पर्व में। यह पर्व धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर खत्म होते हैं। हर साल हिंदू कैलेंडर के मुताबिक दिवाली का त्योहार आता है। और उसकी तारीख हिंदू कैलेंडर में बनी होती है। बता दें कि दिवाली का यह पर्व अक्टूबर या नवंबर के महीने में ही आता है।
दिवाली का त्योहार क्यों मानया जाता है
हिंदू धर्म में दिवाली से जुड़ी एक सबसे लोकप्रिय कथा है। वह कथा है राजा राम की। रावण सीता मिया का अपहरण कर लेता है। और असुर रावण को मारने के बाद चौदह साल के वनवास को बीताने के बाद राम अयोध्या लौटते हैं। राम के अयोध्या में लौटने की खुशी में लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से रौशन कर दिया होता है। यही वजह होती है कि उस दिन से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और यह पर्व बहुत रौशनी का प्रतीक भी माना जाता है।
दिवाली के दिन पीपल के पेड़ के नीचे एक दिया अवश्य लगाना चाहिए। मान्यता अनुसार पीपल के पेड़ में देवताओं का वास होता है इसलिए यहां दीपक जलाना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का आगमन घरों में होता है। इसलिए दिया लगाते वक़्त व्यक्ति को घर के मुख्य दरवाज़े के दोनों ओर दिया ज़रूर जलाना चाहिए।
यदि आपके घर के आस-पास कोई मंदिर है तो दिवाली के दिन वहां भी जाकर एक दिया ज़रूर जलाना चाहिए। ऐसा करने पर पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहती है।
यदि आपके घर के आस-पास कोई सुनसान जगह है तो वहां भी जाकर एक दीपक अवश्य लगायें। संभव हो तो यह दिया किसी चौराहे पर लगायें।
यदि आपके घर में आंगन है तो वहां भी दिया जलाना न भूलें। घर के आंगन में दिया अवश्य जलाना चाहिए। आंगन में दिया जलाने से आपका दुर्भाग्य आपसे कोसों दूर चला जाएगा और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आप पर बना रहेगा। घर के आंगन में एक बड़ा दिया जलाएं और उसमें रात भर घी डालते रहें।
0 comments:
Post a Comment