श्री मद भगवद गीता के बारे में कुछ अनसुने तत्थ्य
►कब सुनाई: आज से लगभग ७००० साल पहले
►किस दिन सुनाई: रविवार के दिन
►कौन सी तिथि को: एकादशी
►कहाँ सुनाई: कुरुक्षेत्र की रणभूमि में
►कितनी देर में सुनाई: लगभग ४५ मिनट
►क्यों सुनाई: कर्त्तव्य से भटके अर्जुन को कर्त्तव्य पथ पर लेन के लिए एवं आने वाली पीढ़ी को धर्म ज्ञान सिखाने के लिए
►अर्जुन को गीता पर पूर्ण विश्वास कब आया: श्रीकृष्ण के विराट स्वरुप के दर्शन के बाद
►अर्जुन के आलावा और किसने श्रीकृष्ण के विराट रूप के दर्शन किये: संजय ने
►अर्जुन के आलावा इसे और किसने सुना: ध्रितराष्ट्र एवं संजय ने
►अर्जुन से पहले इसका ज्ञान किसे मिला था: सूर्यदेव को
►गीता की गिनती किन धर्मग्रंथों में की जाती है: उपनिषदों में
►गीता किस महाग्रंथ का भाग है: महाभारत के शांति पर्व का
►गीता का दूसरा नाम: गीतोपनिषद
►गीता का सार क्या है: परमात्मा की शरण लेना
►कुल कितने श्लोक हैं: ७००
►कुल कितने अध्याय है: १८
►विषाद योग: ४६ श्लोक
►सांख्य योग: ७२ श्लोक
►कर्म योग: ४३ श्लोक
►ज्ञान कर्म संन्यास योग: ४२ श्लोक
►कर्म संन्यास योग: २९ श्लोक
►ध्यान योग अथवा आत्मसंयम योग: ४७ श्लोक
►ज्ञान विज्ञान योग: ३० श्लोक
►अक्षर ब्रम्ह योग: २८ श्लोक
►राजविद्या राजगुह्य योग: ३४ श्लोक
►विभूति विस्तार योग: ४२ श्लोक
►विश्वरूप दर्शन योग: ५५ श्लोक
►भक्ति योग: २० श्लोक
►क्षेत्र क्षेत्रजन विभाग योग: ३५ श्लोक
►गुणत्रय विभाग योग: २७ श्लोक
►पुरुषोत्तम योग: २० श्लोक
►दैवासुर सम्पद विभाग योग: २४ श्लोक
►श्रध्दात्रय विभाग योग: २८ श्लोक
►मोक्ष संन्यास योग: ७८ श्लोक
►गीता में किसने कितने श्लोक कहे हैं:
►श्रीकृष्ण ने: ५७४
►अर्जुन ने: ८५
►ध्रितराष्ट्र ने: १
►संजय ने: ४०
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