Tuesday, 2 May 2017

दमा के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार


 दमा के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

दमा (अस्थमा)


अस्थमा  कहे या हिन्दी में दमा ये श्वसन तंत्र की बीमारी है जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आ जाने के कारण वह संकुचित हो जाती है। इस कारण छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है। इस बीमारी के होने का विशेष उम्र बंधन नहीं होता है। किसी भी उम्र में कभी भी ये बीमारी हो सकती है। दमा की बीमारी को दो भागो किया जा सकता है- विशिष्ट  और गैर विशिष्ट। विशिष्ट प्रकार के दमा के रोग में सांस में समस्या एलर्जी के कारण होता है जबकि गैर विशिष्ट में एक्सरसाइज़, मौसम के प्रभाव या आनुवांशिक प्रवृत्ति  के कारण होता है। आम तौर पर अगर परिवार में आनुवांशिकता के तौर पर अस्थमा की बीमारी है तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अस्थमा कभी भी ठीक नहीं हो सकता है लेकिन कई प्रकार के ट्रीटमेंट के द्वारा इसके लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है या बेहतर रहने की कोशिश की जा सकती है।

दमा (अस्थमा) के कारण 

अस्थमा का अटेक आने के बहुत सारे कारणों में वायु का प्रदूषण भी एक कारण है। अस्थमा के एटैक के दौरान वायु मार्ग के आसपास के मसल्स में कसाव और वायु मार्ग में सूजन आ जाता है। जिसके कारण हवा का आवागमन अच्छी तरह से हो नहीं पाती है। दमा के रोगी को साँस लेने से ज़्यादा साँस छोड़ने में मुश्किल होती है।एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है।एलर्जी के अलावा भी दमा होने के बहुत से कारणों में से कुछ इस प्रकार है-
► घर के धूल भरा वातावरण
► घर के पालतू जानवर
► बाहर का वायु प्रदूषण
► सुगंधित सौन्दर्य  प्रसाधन
► सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस  और साइनसाइटिस  का संक्रमण
► ध्रूमपान
► अधिक मात्रा में शराब पीना
► व्यक्ति विशेष का कुछ विशेष खाद्द-पदार्थों से एलर्जी
► महिलाओं में हार्मोनल बदलाव
►कुछ विशेष प्रकार के दवाएं
► सर्दी के मौसम में ज़्यादा ठंड
एलर्जी के बिना भी दमा का रोग शुरू हो सकता हैं-
►तनाव या भय के कारण
► अतिरिक्त मात्रा में प्रोसेस्ड या जंक फूड खाने के कारण
► ज़्यादा नमक खाने के कारण
►आनुवांशिकता  के कारण आदि।

दमा (अस्थमा) लक्षण

दमा के लक्षण की बारे में बात करते ही पहली बात जो मन में आती है, वह है साँस लेने में कठिनाई। दमा का रोग या तो अचानक शुरू होता है या खाँसी, छींक या सर्दी जैसे एलर्जी वाले लक्षणों से शुरू होता है।
► साँस लेने में कठिनाई होती है
► सीने में जकड़न जैसा महसूस होता है
► दमा का रोगी जब साँस लेता है तब एक घरघराहट जैसा आवाज होती है
► साँस तेज लेते हुए पसीना आने लगता है
► बेचैनी-जैसी महसूस होती है
► सिर भारी-भारी जैसा लगता है
►जोर-जोर से साँस लेने के कारण थकावट महसूस होती है
►स्थिति बिगड़ जाने पर उल्टी भी हो सकती है आदि।

दमा (अस्थमा) का घरेलू उपचार 

जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि दमा का कोई इलाज नहीं होता है। लेकिन दवा या कुछ घरेलु उपायों के द्वारा इसके कष्ट को कम किया जा सकता है-
► एक लीटर पानी में दो बड़ा चम्मच मेथी के दाने डालकर आधा घंटे तक उबालें, उसके बाद इसको छान लें। दो बड़े चम्मच अदरक का पेस्ट एक छलनी में डालकर उस रस निकाल कर मेथी के पानी में डालें। उसके बाद एक चम्मच शुद्ध शहद इस मिश्रण में डालकर अच्छी तरह से मिला लें। दमा के रोगी को यह मिश्रण प्रतिदिन सुबह पीना चाहिए। पढ़े- वायरल फीवर से राहत पाने के छह घरेलु उपचार
► दो छोटे चम्मच आंवला का पावडर एक कटोरी में ले और उसमें एक छोटा चम्मच शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। हर रोज सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।
► एक कटोरी में शहद लें और उसको सूंघने से दमा के रोगी को साँस लेने में आसानी होती है।
► ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
► लहसुन फेफड़ो के कंजेस्शन को कम  करने में बहुत मदद करता है। दस-पंद्रह लहसुन का फाँक दूध में डालकर कुछ देर तक उबालें। उसके बाद एक गिलास में डालकर गुनगुना गर्म ही पीने की कोशिश करें। इस दूध का सेवन दिन में एक बार करना चाहिए।
► गरमागरम कॉफी पीने से भी दमा के रोगी को आराम मिलता है। क्योंकि यह श्वसनी के मार्ग को साफ करके साँस लेने की प्रक्रिया को आसान करता है।
► एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद एक बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में चार से पाँच बार करने से दमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
साधरणतः जाड़े के मौसम में ठंड के कारण दमा का रोग भयंकर रूप धारण करता है। इसलिए इस समय इन घरेलु उपचारों के सहायता से दमा रोग के कष्ट को तो कुछ हद तक काबु में किया जा सकता है, साथ ही कुछ बातों पर ध्यान से दमा रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है-
►इन्हेलर  को अपने पास रखें
►घर को हमेशा साफ रखें ताकि धूल से एलर्जी की संभावना न हो
► क्रिसमस के समय क्रिसमस के सजावट को ज़्यादा दिन तक न रखें जिससे कि धूल न जमें
► योग-व्यायाम और ध्यान  के द्वारा खुद को शांत रखें
► मुँह से साँस न लें क्योंकि मुँह से साँस लेने पर ठंड भीतर चला जाता है जो रोग को बढ़ाने में मदद करता है।

फोटो स्रोत -हिंदी रेमेडी

दोस्तों ये पोस्ट कैसी लगी अपनी अमूल्य राय अवश्य दें 

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