Tuesday, 17 October 2017

इतने बुरे दिन जब अमिताभ बच्चन को चोरी के लिए पड़ा था जोरदार थप्पड़


इतने बुरे दिन जब अमिताभ बच्चन को चोरी के लिए पड़ा था जोरदार थप्पड़ 

अमिताभ बच्चन 75 साल के हो गए हैं। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में जन्मे अमिताभ की लाइफ के कई ऐसे किस्से हैं, जो ज्यादातर लोगों ने नहीं सुने होंगे। इस पैकेज में हम उनके कुछ ऐसे किस्से अपने पाठकों के लिए लाए हैं। आइए डालते हैं एक नजर। 
बात तब की है, जब अमिताभ पिता हरिवंश राय बच्चन, मां तेजी और भाई अजिताभ के साथ दशद्वार में रहते थे, जो इलाहाबाद के क्लाइब रोड पर स्थित था। इसी रोड के नजदीक रानी बेतिया की एक कोठी थी, जिसका फाटक हमेशा बंद रहता था और एक दरबान वहां पहरा देता था।
अमिताभ इस कोठी के अंदर जाना चाहते थे, क्योंकि दोस्तों से कोठी और रानी के बारे में उन्होंने कई किस्से सुन रखे थे।

एक दिन अपने दो दोस्तों शशि और नरेश के साथ वे दरबान के पास पहुंचे और कोठी के अंदर जाने की जिज्ञासा जाहिर की। दरबान ने कहा कि अगर वे उसे चवन्नी दे देते हैं तो वह कोठी में जाने की इजाजत दे देगा।
 काफी सोच-विचार के बाद अमिताभ घर गए और उन्होंने ड्रेसिंग टेबल की वह दराज खोली, जिसमें उनकी मां तेजी खुल्ले पैसे डाल दिया करती थीं और चवन्नी चुराकर दरबान को दे दी। दरबान ने चवन्नी ले तो ली, लेकिन कोठी में भेजने के बजाय डांट-डपटकर उन्हें वहां भगा दिया।
जब अमितजी घर पहुंचे तो तेजी ने उनके गाल पर जोरदार थप्पड़ रसीद किया। क्योंकि तेजी को पता चल चुका था कि अमिताभ ने दराज से चवन्नी चुराई है। बाद में पिता ने अमित से इस बारे में पूछा तो किस्से हैं, जो ज्यादातर लोगों ने नहीं सुने होंगे। इस पैकेज में हम उनके कुछ ऐसे किस्से अपने पाठकों के लिए लाए हैं।
 बात तब की है, जब अमिताभ पिता हरिवंश राय बच्चन, मां तेजी और भाई अजिताभ के साथ दशद्वार में रहते थे, जो इलाहाबाद के क्लाइब रोड पर स्थित था। इसी रोड के नजदीक रानी बेतिया की एक कोठी थी, जिसका फाटक हमेशा बंद रहता था और एक दरबान वहां पहरा देता था।
अमिताभ इस कोठी के अंदर जाना चाहते थे, क्योंकि दोस्तों से कोठी और रानी के बारे में उन्होंने कई किस्से सुन रखे थे।

एक दिन अपने दो दोस्तों शशि और नरेश के साथ वे दरबान के पास पहुंचे और कोठी के अंदर जाने की जिज्ञासा जाहिर की। दरबान ने कहा कि अगर वे उसे चवन्नी दे देते हैं तो वह कोठी में जाने की इजाजत दे देगा।
काफी सोच-विचार के बाद अमिताभ घर गए और उन्होंने ड्रेसिंग टेबल की वह दराज खोली, जिसमें उनकी मां तेजी खुल्ले पैसे डाल दिया करती थीं और चवन्नी चुराकर दरबान को दे दी। दरबान ने चवन्नी ले तो ली, लेकिन कोठी में भेजने के बजाय डांट-डपटकर उन्हें वहां भगा दिया।
जब अमितजी घर पहुंचे तो तेजी ने उनके गाल पर जोरदार थप्पड़ रसीद किया। क्योंकि तेजी को पता चल चुका था कि अमिताभ ने दराज से चवन्नी चुराई है। बाद में पिता ने अमित से इस बारे में पूछा तो उन्होंने सब सच-सच बता दिया। पिता ने उन्हें समझाया कि चोरी करनी अच्छी बात नहीं है। अमिताभ ने यह बात गांठ बांध ली।अमिताभ बच्चन जब शेरवूड स्कूल, नैनीताल में पढ़ रहे थे, तब के कई रोचक किस्से हैं। इनमें से एक किस्सा कुछ यूं है। शेरवूड स्कूल के साथ एक सिस्टर स्कूल था, जिसका नाम 'ऑल सेंट्स' था। स्‍कूल की बिल्डिंग ऊपर थी और खेलने के लिए नीचे मैदान में जाना पड़ता था। उससे नीचे की ओर टेनिस कोर्ट था।
ऑल सेंट्स' में एक बड़ी-सी दीवार बनाई गई थी, ताकि लड़के ताका-झांकी न कर सकें। लेकिन अमिताभ और उनके दोस्त खेल के लिए मैदान में जाने के बहाने दीवार तक जाते और उसपर चढ़कर किसी भी लड़की को कहते थे कि क्या तुम फलां लड़की को बुला सकती हो। इस बात की चर्चा लड़कों में अक्सर होती थी कि कौन उस दीवार तक गया है।
बात तब की है, जब अमिताभ पिता हरिवंश राय बच्चन, मां तेजी और भाई अजिताभ के साथ दशद्वार में रहते थे, जो इलाहाबाद के क्लाइब रोड पर स्थित था। इसी रोड के नजदीक रानी बेतिया की एक कोठी थी, जिसका फाटक हमेशा बंद रहता था और एक दरबान वहां पहरा देता था।
अमिताभ इस कोठी के अंदर जाना चाहते थे, क्योंकि दोस्तों से कोठी और रानी के बारे में उन्होंने कई किस्से सुन रखे थे।
एक दिन अपने दो दोस्तों शशि और नरेश के साथ वे दरबान के पास पहुंचे और कोठी के अंदर जाने की जिज्ञासा जाहिर की। दरबान ने कहा कि अगर वे उसे चवन्नी दे देते हैं तो वह कोठी में जाने की इजाजत दे देगा।
काफी सोच-विचार के बाद अमिताभ घर गए और उन्होंने ड्रेसिंग टेबल की वह दराज खोली, जिसमें उनकी मां तेजी खुल्ले पैसे डाल दिया करती थीं और चवन्नी चुराकर दरबान को दे दी। दरबान ने चवन्नी ले तो ली, लेकिन कोठी में भेजने के बजाय डांट-डपटकर उन्हें वहां भगा दिया।
जब अमितजी घर पहुंचे तो तेजी ने उनके गाल पर जोरदार थप्पड़ रसीद किया। क्योंकि तेजी को पता चल चुका था कि अमिताभ ने दराज से चवन्नी चुराई है। बाद में पिता ने अमित से इस बारे में पूछा तो उन्होंने सब सच-सच बता दिया। पिता ने उन्हें समझाया कि चोरी करनी अच्छी बात नहीं है। अमिताभ ने यह बात गांठ बांध ली।
लड़कियों को देखने के लिए दीवार पर चढ़ जाते थे
अमिताभ बच्चन जब शेरवूड स्कूल, नैनीताल में पढ़ रहे थे, तब के कई रोचक किस्से हैं। इनमें से एक किस्सा कुछ यूं है। शेरवूड स्कूल के साथ एक सिस्टर स्कूल था, जिसका नाम 'ऑल सेंट्स' था। स्‍कूल की बिल्डिंग ऊपर थी और खेलने के लिए नीचे मैदान में जाना पड़ता था। उससे नीचे की ओर टेनिस कोर्ट था।
ऑल सेंट्स' में एक बड़ी-सी दीवार बनाई गई थी, ताकि लड़के ताका-झांकी न कर सकें। लेकिन अमिताभ और उनके दोस्त खेल के लिए मैदान में जाने के बहाने दीवार तक जाते और उसपर चढ़कर किसी भी लड़की को कहते थे कि क्या तुम फलां लड़की को बुला सकती हो। इस बात की चर्चा लड़कों में अक्सर होती थी कि कौन उस दीवार तक गया है।

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