बलात्कार का असली दोषी कौन
परसों शाम को एक लड़की के साथ फिर वोही हुआ , जो नहीं होना चाहिए. हर तरफ उसकी चर्चा चल रही हैं. मीडिया लगातार दिल्ली पुलिस कि हवा निकाले जा रही हैं, और सारा का सारा दोष दिल्ली पुलिस पर मढ़े जा रही हैं.
क्या सचमुच इस घटना कि जिम्मेदार दिल्ली पुलिस ही हैं ? हाँ, लेकिन शायद पूरी तरह से नहीं. कंही ना कंही हमारा समाज भी दोषी हैं, और मेरे समझ से दिल्ली पुलिस से ज्यादा दोषी हैं.
विषय बहुत ही गंभीर हैं, अगर आप या हम चुप रहेंगे तो, कल किसी और के साथ भी इस तरह कि घटना हो सकती हैं, लेकिन करे क्या ?
आज दिल्ली में इस तरह कि घटनाये तो सामने आ जाती हैं, मगर दूर -दराज के गांवो में , छोटे -छोटे कस्बो में, इस तरह कि घटनाये रोज होती हैं, मगर लाज और शर्म कि वजह से एक औरत चुप-चाप शांत हो जाती हैं. समाज का चाहे कोई भी वर्ग हो या समाज का कोई भी धर्म हो , इस से अछूता नहीं हैं.
आज कि आधुनिक भाग -दौड़ कि जिंदगी में महिलावो को देर रात तक काम करना पड़ता हैं, सबसे पहले तो चाहिए कि नियोक्ता इस बात कि गारंटी महिला के परिवार को दे कि महिला को घर से सुरक्षित ले जाने कि और घर तक छोड़ने कि जिम्मेदारी उसकी हैं. दूसरी बात ये कि जिस वाहन से महिलाएं आती -जाती हैं, उसके चालक कि पूरी सुचना पुलिस और नियोक्ता के पास होनी चाहिए.
तीसरी और सबसे महत्त्वपूर्ण बात ये हैं कि हमें अपने-अपने समाज में ये बात लानी चाहिए कि लोग ऐसा करने से बचे.
साथ ही में उन महिला कर्मचारियों से विनम्र निवेदन करता हूँ कि , जिस कैब से वो आ -जा रही हैं उसके ड्राईवर पर और अपने पुरुष सहकर्मी पर ध्यान दे , रोज आने -जाने वाले रास्ते पर ध्यान दे , अगर कुछ भी संदेह लगे तो इसकी सुचना अपने नियोक्ता और पुलिस को तुरंत दे.
स्रोत और उद्धरण
https://taarkeshwargiri.blogspot.in/2010/11/blog-post_26.html
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