डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के अनमोल वचन
१-एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
३-बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
४-हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि एक देश दूसरे देश पर शाशन नहीं कर सकता को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शाशन नहीं कर सकता .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
५-एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है .जिसकी आवश्यकता है वो है न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था.
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
६-इतिहास बताता है कि जहाँ नैतिकता और अर्थशाश्त्र के बीच संघर्ष होता है वहां जीत हमेशा अर्थशाश्त्र की होती है . निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
७-मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारा सीखाये .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
८-मैं किसी समुदाय की प्रगति महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है उससे मापता हूँ .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
९-हिंदू धर्म में, विवेक, कारण, और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१०-आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शाशित हो रहे हैं . उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं . और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
११-क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१२-जीवन लम्बा होने की बजाये महान होना चाहिए .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१३-मनुष्य नश्वर है . उसी तरह विचार भी नश्वर हैं . एक विचार को प्रचार -प्रसार की ज़रुरत होती है , जैसे कि एक पौधे को पानी की . नहीं तो दोनों मुरझा कर मर जाते हैं .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
14-राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वो सरकार को ख़ारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी हैं .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१५-पति- पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ट मित्रों के सम्बन्ध के सामान होना चाहिए .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१६-जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हांसिल कर लेते , क़ानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके किसी काम की नहीं .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१७-यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शाश्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१८-सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की एक बूँद के विपरीत , इंसान जिस समाज में रहता है वहां अपनी पहचान नहीं खोता . इंसान का जीवन स्वतंत्र है . वो सिर्फ समाज के विकास के लिए नहीं पैदा हुआ है , बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
१९ -हम भारतीय हैं , पहले और अंत में .
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
२०-हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है ? हमारे पास ये स्वत्नत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था , जो असमानता , भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी है , जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है को सुधार सकें.
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
२१-उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है.
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
२२-एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है क्योंकि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है.
डॉ बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर
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