Tuesday, 23 May 2017

डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के 10 प्रेरक प्रसंग


डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन के 10 प्रेरक प्रसंग

►जब डॉ कलाम बतौर वैज्ञानिक काम करते थे तो एक बार उनकी टीम के एक सदस्य ने घर जल्दी जाने की अनुमति मांगी ताकि वो अपने बच्चों को एक exhibition में ले जा सके। लेकिन व्यस्तता के कारण वो ये बात भूल गया। शाम को sorry feel करता हुआ जब वो थोड़ी देर से घर पहुंचा तो पता चला कि डॉ कलाम बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने ले गए हैं।

►2013 में San Diego, California, में आयोजित एक समारोह में जब खाने के वक्त कुछ भारतीय बच्चे डॉ कलाम से मिलने पहुंचे तब उन्होंने एक स्टूडेंट को अपनी प्लेट में खाने के लिए कहा। Insist करने पर बच्चे ने उनके सलाद में से spinach की एक leaf उठा ली, जो उसकी बाकी की ज़िन्दगी के लिए leaf of inspiration बन गयी।

►जब डॉ कलाम DRDO में थे तो किसी बिल्डिंग की सुरक्षा के लिए उसकी बाहरी दीवारों के उपर कांच के टुकड़े लगाने का suggestion आया। पर उन्होंने इसे ये कहते हुए reject कर दिया कि ऐसा करने से birds जब दीवार पर बैठेंगी तो उन्हें चोट पहुँच सकती है।

►एक बार डॉ कलाम जब स्कूल के बच्चों को lecture दे रहे थे तभी बिजली में कुछ गड़बड़ी हो गयी । डॉ कालम उठे और सीधा बच्चों के बीच चले गए और उन्हें घेर कर खड़े हो जाने के लिए कहा। इस तरह से उन्होंने लगभग 400 बच्चों के साथ बिना माइक के संवाद किया।

►एक बार क्लास 6th के एक स्टूडेंट ने “Wings Of Fire”  किताब पढने के बाद डॉ कलाम का एक स्केच बनाया। परिवार वालों ने encourage किया कि इसे President को भेजो। लड़के ने सोचा इससे क्या होगा, ये तो उन्हें मिलेगा भी नहीं, पर फिर भी बहुत जोर डालने पर उसने स्केच भेज दिया। कुछ दिन बाद उसे डॉ. कलाम का sign किया हुआ Thank You note आया।

►राष्ट्रपति बनने के कुछ दिन बाद वो किसी इवेंट में शरीक होने वो केरला राज भवन, त्रिवेंद्रम गए। उनके पास अपनी तरफ से किन्ही दो लोगों को बुलाने का अधिकार था, और आप जान कर हैरान होंगे कि उन्होंने किसे बुलाया- एक मोची को और एक छोटे से होटल के मालिक को। दरअसल, डॉ. कलाम बतौर scientist काफी समय त्रिवेन्द्रम में रहे थे, और तभी से वे इन लोगों को जानते थे, और किसी नेता या सेलेब्रिटी को बुलाने की बजाये उन्होंने इन आम लोगों को importance दी।

►IIT (BHU), Varansi के दीक्षांत समारोह में डॉ कलाम मुख्य अतिथि थे। जब वे मंच पर पहुंचे तो देखा कि उनके लिए जो कुर्सी लगी है वो बाकी कुर्सियों से बड़ी है। उन्होंने तुरंत उस पर बैठने से मना कर दिया और vice-chancellor को उस पर बैठने का आग्रह किया। जब vice-chancellor भी नहीं बैठे तो same size की एक कुर्सी मंगाई गयी और तब सब लोग बैठ पाए।

►भारत के राष्ट्रपति होते हुए भी वो बिलकुल आम लोगों की तरह रहते हे। एक बार उन्होंने Yahoo पर एक प्रश्न पुछा –“What should we do to free our planet from terrorism?”आप इसे यहाँ देख सकते हैं। इस प्रश्न के उत्तर में बहुत से लोगों ने उत्तर दिया, जिनमे भारत की जान-मानी हस्तियां भी शामिल हैं।

►जब कोई प्रेसिडेंट बन जाता है तो सरकार उसकी सारी ज़रूरतों का ध्यान रखती है, पद से हटने के बाद भी। इसलिए डॉ. कलाम ने अपनी सारी सेविंग्स Providing Urban amenities in Rural Areas (PURA) initiative के लिए donate कर दीं।

►जब डॉ कलाम DRDO में थे तब उन्हें एक college event के लिए बतौर chief guest invite किया गया था। लेकिन डॉ कलाम ने रात में ही वेन्यू का चक्कर लगाने पहुँच गए, वहां जाकर उन्होंने कहा कि वो real hard working लोगों से मिलना चाहते थे इसलिए इस वक्त आ गए।

सचमुच Dr. A. P. J Abdul Kalaam जैसा व्यक्तित्व का इस धरती पर जन्म लेना भारत के लिए गौरव की बात है। आज उनकी जयंती के अवसर पर हम उन्हें शत-शत नमन करते हैं और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए इस जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करते हैं।

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