चोटी कटने का नहीं रुक रहा आतंक ,आओ जानते हैं चोटी कटने की रहष्यमयी सच्चाई,कौन काट रहा चोटी
हमारे देश के हरियाणा,राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 200 से अधिक महिलाओं ने शिकायत की है कि किसी ने उन्हें बेहोश कर रहस्यमयी तरीके से उनके बाल काट लिए । इस रहस्य को सुलझाने में पुलिस अब तक नाकाम रही है जबकि यहां की महिलाएं इससे डरी हुई और चिंतित हैं ।हरियाणा में गुड़गांव के भीमगढ़ इलाके की 56 वर्षीय सुनीता देवी ने कहा,एक तेज़ फ़्लैश लाइट से मैं बेहोश हो गई और एक घंटे बाद मुझे पता चला कि मेरे बाल काट लिए गए थे । उन पर हुए हमले के बाद से वो डरी हुई हैं। उन्होंने कहा,न मैं सो पा रही हूं और न किसी काम में मेरा मन लग रहा है । मैंने सुना था कि इस तरह की घटनाएं राजस्थान में हो रही हैं, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि यहां भी ऐसा होगा ।इस काल्पनिक घटना की पहली ख़बर जुलाई में राजस्थान से आई थी, लेकिन अब इस तरह की ख़बरें हरियाणा,उत्तर प्रदेश और यहां तक कि राजधानी दिल्ली से भी आने लगी हैं ।सुनीता देवी किसानों और व्यापारियों के एक छोटे से समुदाय में रहती हैं । जब तक वो सदमे से उबर नहीं जातीं, उनके कुछ पड़ोसी बारी-बारी से उनके साथ रह रहे हैं । उन्होंने कहा कि उनपर हमला करने वाला एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति था जिसने चमकीले कपड़े पहन रखे थे ।उन्होंने कहा,जब रात के 9.30 बजे मुझ पर हमला हुआ तो मैं ग्राउंड फ़्लोर पर अकेली थी, और मेरी बहू और पोता ऊपर थे । उन्होंने न कुछ देखा और न ही कुछ सुना ।
आखिर कौन दे रहा इन घटनाओं को अंजाम
रहस्य तब और गहरा जाता है जब यह पूछा जाता है कि किसी ने हमलावर को देखा है क्या,और उत्तर मिलता है नहीं ।सुनीता देवी की पड़ोसी मुनेश देवी ने कहा कि आमतौर पर रात 9 से 10 बजे के बीच इस पतली गली में लोगों की चहल-पहल रहती है।लोग खाना खाने के बाद एक साथ बैठते हैं, आराम करते हैं ।उस दिन कुछ अलग नहीं था, लेकिन हम में किसी ने भी किसी अज्ञात व्यक्ति को सुनीता के घर में आते-जाते नहीं देखा,और यह यहीं खत्म नहीं हुआ।
कुछ गज की ही दूरी पर एक और गृहिणी आशा देवी ने भी उसी दिन इसी तरह के एक हमले में अपने बाल खो दिए। लेकिन इस बार हमलावर कथित तौर पर एक महिला थी।आशा देवी के ससुर सूरज पाल कहते हैं कि इस घटना के बाद उन्होंने आशा और घर की अन्य महिलाओं को उत्तर प्रदेश में एक रिश्तेदार के घर पर भेज दिया है।उन्होंने कहा,इस हमले के बाद वो भयभीत थीं, मैंने उन्हें कुछ हफ़्तों के लिए घर से दूर रहने को कहा, पूरे समुदाय में डर बना हुआ है।सूरज पाल ने कहा कि उस दिन वो घर पर थे जबकि आशा देवी रात 10 बजे के आसपास घर के किसी काम से बाहर थीं।
उन्होंने बताया,जब वो आधे घंटे तक नहीं लौटीं तब मैं उन्हें ढूंढने निकला तब वो हमें बाथरूम में बेहोश मिलीं। उनके सिर के कटे बाल ज़मीन पर बिखरे पड़े थे।उन्होंने कहा कि क़रीब एक घंटे के बाद होश आने पर आशा ने बताया कि उन पर किसी महिला ने हमला किया था।सूरज पाल ने आगे कहा,उन्होंने मुझसे कहा कि सब कुछ केवल 10 सेकेंड में ही हो गया ।इसी तरह के कुछ मामले मैंने गुड़गांव से 70 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जिले के ग्रामीण इलाकों में भी देखे हैं।
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