इस रिक्शे वाले किया कुछ ऐसा जिसे सुनकर आप भी सीख जायेंगे इंसानियत
हेल्प इंडिया। दोस्तों दुनियां में कुछ लोग बुरे होते हैं तो कुछ लोग भलाई और इंसानियत की मिसाल होते हैं। आदमी गरीब हो या अमीर ये मायेने नहीं रखता मायेने रखती है उसकी इंसानियत। दोस्तों मैं आप को जो भी बताने जा रहा हूँ वह वास्तव में एक मिशाल है। बात है 23/09/२०१७ की लगभग सुबह का 10.30 बज रहा था। स्थान आई ओन डिजिटल जोन जानकीपुरम लखनऊ की। मेरी भी आईबीपीएस क्लर्क की प्रारंभिक परीक्षा इसी स्थान पर थी। परीक्षा हाल में प्रवेश से पहले पहचान स्वारूप एक आई डी देखी जा रही थी ,मेरे आगे लाइन में लगे एक लडके को परीक्षा देने से कोई आईडी न दिखाने के कारण प्रवेश देने से मना कर दिया। लड़का बहुत परेशान था ,यहाँ तक वो रो -रो कर बताने लगा कि मै अपना आधार कार्ड लाया था, और वो रास्तें में कहीं गायब हो गया ,मगर वहां उसकी कोई सुनने वाला नहीं था। मै भी क्या करता अतः मै परिक्षा कक्ष में चला गया। लड़का बहुत ही दुखी था ,और बार -बार प्रवेश देने की मिन्नतें कर रहा था। किन्तु उसकी कोई सुनने वाला नहीं था। परीक्षा शुरू होने में सिर्फ दस मिनट बचा था। तभी एक रिक्शे वाला तेजी से रिक्शा भगाता हुआ आई ओन डिजिटल जोन में में घुस पडा। वहां खड़े गार्ड उसे रोकने की काफी कोशिश करते रहे मगर रिक्शे वाला नहीं रुका और रुका वहाँ जहां सारा स्टाफ खडा था। सभी लोग अचंभित थे कि आखिर ये रिक्शे वाला किसी की बात नहीं मान रहा और चला आ रहा है। रिक्शे वाले ने हांफते हुए रिक्शा रोंका और पहले उतर सभी स्टाफ से माफी मांगी और बोला ,सर मै एक लडके को लेकर आया था और उसका गलती से आधार कार्ड मेरे रिक्शे में छूट गया था। मै वापस 4 किलोमीटर निकल चुका था मगर जब मेरी नजर इस आधार कार्ड पर पडी ,तो मैंने अपनी सभी सबारियों को वहीं छोड़ा और भागता हुआ आ गया ,आखिर सबाल किसी की जिन्दगी का था। वह आधार उसी लडके का था जो खड़ा रो रहा था ,आधार मिलते ही लडके के जान में जान आयी और रिक्शे वाले को धन्यवाद दिया और अन्दर प्रवेश कर गया। वहाँ खडा सारा स्टाफ समझ नहीं पा रहा था कि एक रिक्शे वाला भी इतना महान काम कर सकता है।
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