Friday, 28 July 2017

शिक्षामित्रों का उपद्रव धरना प्रदर्शन कितना सही कितना गलत हमें चाहिए पाठकों के जबाब भाग जरूर लें


शिक्षामित्रों का उपद्रव धरना प्रदर्शन कितना सही कितना गलत हमें चाहिए पाठकों के जबाब भाग जरूर लें 


शिक्षामित्र इस समय अपना आपा खो चुके है ,प्रदेश में हर जगह प्रदर्शन ,मारपीट ,रोड जाम करना ,स्कूलों में अध्यापन कार्य न करने देने क्या सही है ,आत्महत्या करना क्या सही है। ये कोई पहली बार ऐसा नहीं हुआ है कि किसी संविदा कर्मी की सेवाओं को समाप्त किया गया है ,हालाँकि ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने किया है। इसमे किसी का क्या दोष है जिसमे दोष था सुप्रीम कोर्ट ने उसे दोष रहित किया है।

आज मै देख रहा हूँ हर जिले में रोड जाम किये जा रहे है। बी एस ए से मारपीट की जा रही है ,स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों से मारपीट की जा रही है ,क्या इनकी समस्या का ये हल है जो तरीका इनके द्वारा अपनाया जा रहा है ,जब कि प्रदेश सरकार भी हर सम्भब मदद करने की कोशिश कर रही है ,तो शिक्षामित्रों का ये रवैया क्यों है। क्या सरकार के पास इसको रोंकने का कोई उपाय नहीं है।

 मै मानता हूँ कि किसी की रोजी रोटी छिन जाना बड़ा ही दर्दनाक कारण है। मगर जिस मकान की नीव ही कमजोर हो उसका ढह जाना तो पहले से ही तय है। अब इसमें दोष किसका है ,क्या इतने समय में  शिक्षामित्रों द्वारा टीईटी नहीं पास की जा सकती थी। यदि इसका जबाब नहीं है तो लगभग ६६००० लोगों ने टीईटी कैसे पास की। अब मै पाठकों से ये पूछना चाहूँगा कि कोर्ट का फैसला गलत हुआ है ,या फिर शिक्षामित्रों द्वारा गलत या सही किया जा रहा है। 

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